इम्फाल के बाहरी इलाके में बसा अंद्रो का विचित्र और छोटा सा गांव हैए जहाँ मुतुआ बहादुर संग्रहालय नाम का अपने में अनोखा संग्रहालय है। इसका निर्माण सामान्य संग्रहालयों की तरह कंक्रीट की इमारत से नहीं किया गया है। अपितु पारंपरिक शैली में बने मकान और घासफूस की झोपड़ियों के इस्तेमाल से संग्रहालय बनाया गया है। पर्यटक मिट्टीए मिट्टी के बर्तनोंए सिक्कोंए पांडुलिपियोंए चित्रोंए घंटी धातु की वस्तुओंए आभूषणए लकड़ी की नक्काशी और जातीय हस्तकला वस्तुओं की एक श्रृंखला सहित पारंपरिक कलाकृतियों का एक अच्छा संकलन यहाँ देख सकते हैं। मणिपुर के विभिन्न जनजातियों द्वारा निर्मित विभिन्न घर जिसमें शामिल है पौमईए काबुईए मेइतीए कूकी और तांगखुलए की नकल भी इस संग्रहालय में बनाई गयी है। राज्य की 34 मान्यता प्राप्त जनजातियाँ गुड़िया घर में गुड़िया के रूप में प्रतिनिधित्व करती हैं। प्रदर्शन के लिए मौजूद लकड़ी की नक्काशी और पारंपरिक चित्रकला मणिपुर की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के साथण्साथ अपने लोगों से जुड़ी पौराणिक कथाओं और किंवदंतियों के बारे में गहन जानकारी प्रदान करती है।

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