संभवतः दुनिया में अपनी तरह का सबसे बड़ा बाजारए इमा कैथल महिलाओं द्वारा लगाये जाने वाले बाजार के रूप में प्रसिद्ध है और पर्यटकों और स्थानीय लोगों को समान रूप से आकर्षित करता है। यहाँ की स्थानीय महिलाओं को उनकी सांस्कृतिक परिधान फानेक यकमर से लपेटा हुआ एक लम्बे सायानुमा कपड़ाद्ध और इन्नाफिस यकंधे पर रखने वाला अंगवस्त्रए बहुत हद तक शाल की तरह द्ध में हर सुबह दुकान और ठेले लगाते देखना एक अद्भुत दृश्य होता हैए जब वो अपने ग्राहकों का स्वागत कर रही होती है। खरीददारी का शौख रखने वालों के लिए यह बाजार किसी स्वर्ग से कम नहीं। ताजे फलए सब्जियों और मसालों से लेकर कपड़ाए हस्तशिल्प और सीकों और डालियों से बने हुए उत्पादों तकए हलचल भरी बाजार में दुकानें स्थानीय लोगों और पर्यटकों की सभी जरूरतों को पूरा करती हैं।

इमा शब्द का अर्थ माँ होता है और इमा कैथल में लगभग 5000 इमा चलते ठेलों पर सड़क के दोनों ओर स्थित होती है। इम्फाल के केंद्र में स्थितए 500 साल पुराना बाजार राज्य का एक महत्वपूर्ण व्यापारिक केंद्र रहा है और यहां रोजाना बड़ी संख्या में खरीदार आते रहते हैं। इतिहासकारों और शोधकर्ताओं के अनुसारए मणिपुर में एक प्राचीन सश्रम मजदूर प्रणाली लल्लूपण्काबा के बाद महिलाओं द्वारा संचालित बाजार की उत्पत्ति हुई। नतीजतनए सभी पुरुषों को दूर क्षेत्रों में कृषि भूमि पर खेती और युद्ध लड़ने के लिए भेजा गया और यह महिलाएं थी जिन्होंने स्थानीय लोगों की दैनिक जरूरतों को पूरा करने के लिए बाजार स्थापित किया था। इमा कैथल या ख्वारम्बंद बाजारए जैसा की ये आमतौर पर जाना जाता हैए की जीवंत सड़कों पर घूमनाए एक अद्भुत अनुभव होता है और इम्फाल आने वाले पर्यटकों को इसका जरूर लुत्फ़ उठाना चाहिए।

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