असमिया संगीत में बिहु संगीत का बहुत महत्वपूर्ण स्थान है, जिसमें असमी नव वर्ष, किसानों की दिनचर्या तथा प्रेम संगीत सहित अनेकों अवसरों पर गाये जाने वाले गीत मिलते हैं। बिहु लोक संगीत- ढोल, मोहोर सिंगोर पेपे, झांझ, गुगुना और टोका नाम के बांस से बने वाद्य-यंत्रों द्वारा बजाया जाता है। दरअसल, बिहु संगीत पर प्राचीन पूर्वी प्रभाव देखने को मिलता है। बिहु पर्व के दौरान जब पूरा प्रदेश उत्सव के माहौल में रंगा होता है तब इन दिल छू लेने वाले गीतों को सुनने का अपना एक अलग ही आनंद होता है। प्रदेश के प्रतिभावान संगीतकार पीढ़ीयों से इस पारंपरिक संगीत को सुनते, सुनाते और सिखाते आ रहे हैं जो हर पर्यटक के लिए एक बेमिसाल अनुभव की तरह है। 

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