सहयाद्री की पहाड़ियों के बीच खड़े नारियल के वृक्षों से घिरा कुडले बीच (समुद्र तट) प्राचीन काल से ही सफेद रेत का विस्तार रहा है। प्रसिद्ध गोकर्ण समुद्र तट से बस थोड़ी ही दूर अवस्थित यह तट अर्द्ध-गोलाकार प्रतीत होता है। छोटी-छोटी पहाड़ियों और चट्टानों के बीच झूलता यह तट घूमने-टहलने (ट्रेकिंग) का भरपूर अवसर उपलब्ध कराता है, जिसकी यादें भुलाए नहीं भूलेंगी। यह समुद्र तट पर स्वर्ग सी शांति की चाहत रखने वाले सैलानियों के बीच खासा लोकप्रिय है। कुडले बीच का सैलानियों के साथ खास दोस्ताना है, जो झोंपड़ियों और छोटे-छोटे रेस्तराँ के रूप में उन्हें खान-पान के रोचक विकल्प उपलब्ध कराता है, जो स्थानीय सैलानियों के साथ-साथ विदेशी सैलानियों के जायके का भी बखूबी ख्याल रखते हैं। हाल के समय में, इस बीच की लोकप्रियता में वृद्धि होने से इस क्षेत्र में तरह-तरह की सुविधाओं से सुसज्जित रिजार्ट्स खुलने आरंभ हो गए हैं

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