अगौड़ा का किला

इस किले का निर्माण प्राचीन काल में गोवा को संभावित आक्रमणों से बचाने के लिए किया गया था। यह किला गोवा का सबसे बड़ा और बेहतर ढंग से संरक्षित पुर्तगाली किला है। इस किले का निर्माण वर्ष 1609 और 1612 के बीच में किया गया था। इस किले की सबसे खास विशेषताओं में शामिल है: 20,00,000 गैलन पानी संचित करने वाला एक बड़ा कुंड, गुप्त मार्गों की एक श्रृंखला और एक शानदार गढ़। इस किले में चार मंजिला लाइटहाउस है, जो बहुत ही सुंदर है। इसे वर्ष 1864 में बनाया गया था। माना जाता है कि यह एशिया में अपनी तरह का सबसे पुराना लाइट हाउस है। इसका नाम किले के अंदर मौजूद ताजे पानी के एक झरने के नाम पर रखा गया था। इस झरने के माध्यम से यहां आने वाले जहाजों को पानी दिया जाता था। हालांकि अब इस किले ने अपनी पहले वाली भव्यता खो दी है, लेकिन इस किले की कुछ इमारतें अभी भी बरकरार हैं, जिन्हें अब जेल में बदल दिया गया है। ऐसा माना जाता है कि यह गोवा की सबसे बड़ी जेल है।

अगौड़ा का किला

से कैथेड्रल

सेंट कैथरीन को समर्पित, से कैथेड्रल चर्च गोवा के सबसे भव्य चर्चों में से एक है। इसकी बेहतरीन वास्तुकला और आकर्षक डिजा़इन शिल्पकारों और फोटोग्राफरों के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं है। कोरिन्थियन इंटीरियर और टस्कन इक्स्टीरीअर के साथ-साथ पुर्तगाली-गोथिक शैली में निर्मित सोलहवीं शताब्दी का यह चर्च राज्य का अपने तरह का सबसे पुराना चर्च है। यह एशिया का सबसे बड़ा चर्च भी माना जाता है। इस चर्च में मौजूद बेल को 'गोल्डन बेल' के नाम से जाना जाता है। यह गोवा में अपने तरह का सबसे बड़ा घंटा है। कैथेड्रल का मुख्य आकर्षण 'क्रॉस ऑफ मिराकल्स' का प्रार्थना घर है। ऐसा माना जाता है कि वर्ष 1919 में यहां मौजूद क्रॉस पर ईसा मसीह की छवि दिखाई दी थी।

से कैथेड्रल

असीसी के सेंट फ्रांसिस का चर्च

सन् 1665 में बना यह चर्च आज भी अपनी प्रचीन पुर्तगाली-मैनुएलिन शैली को बनाए हुए है। 'सेंट फ्रांसिस ऑफ असीसी' नामक इस चर्च के बाहरी हिस्से पर की गई कारीगरी बेहद ही सहज और सरल है; वहीं दूसरी तरफ इसकी अंदरूनी हिस्सों की बैरोक वास्तुकला अत्यंत भव्य और विचित्र है। अपने कोरिंथियन प्रभाव के कारण यह बेहद आकर्षक लगती है। इस चर्च के अंदरूनी प्रार्थना स्थल के ऊपर जीसस क्राइस्ट के साथ सेंट फ्रांसिस ऑफ असीसी की एक बड़ी प्रतिमा लगी है। इसके दोनों तरफ लकड़ी पर बनाई गई पेंटिंग लगी हुई है, जो मानवता के संरक्षक इस संत के जीवन और कालखंड को दर्शातीं हैं।

असीसी के सेंट फ्रांसिस का चर्च