गोवा की ही तरह सिक्किम में भी एक अच्छी बात यह देखने को मिलती है कि यहां आप बाइक वगैराह किराये पर लेकर आराम से घूम सकते हैं। लेकिन गोवा की तरह गंगटोक में बाइक से मतलब मोटर बाइक नहीं, बल्कि एक खास किस्म की साइकिल से है, जो ऊंचे-नीचे, पथरीले और कठिन रास्तों पर आसानी से चलाई जा सकती है। चूंकि यह कोई बहुत विस्तृत क्षेत्र नहीं है, इसलिए यहां नये ठिकाने खोजने और मनचाही घुमक्कड़ी के लिए माउंटेन बाइक्स, रोमांच प्रेमियों को खासा आकर्षित करती हैं। यही वजह है कि बीते कुछ वर्षों में युवा सैलानियों के बीच इस चलन में इजाफा होते देख राज्य सरकार ने साइकिंलिंग टूरिज्म को बढ़ावा दिया है, जिसकी यात्रा गंगटोक से शुरू होती है। 

पहाड़ी रास्ते कई जगहों पर काफी खतरनाक भी हो सकते हैं। इसलिए जरूरी है कि रोमांच के जोश में होश, बरकरार रखे जाएं। क्योंकि माउंटेन बाइक के इस रूट में कुछ रास्ते सामान्य रूप से ऊबड़-खाबड़ हो सकते हैं तो कुछ ट्रैक्स को पार करने के लिए थोड़े अधिक कौशल की जरूरत पड़ती है। इसलिए इस जोशीली रोमांचक यात्रा पर जाने से पहले विशेषज्ञों से सलाह जरूर लें। खासतौर से वह जो पहले इस रोमांचक यात्रा पर जा चुके हैं, ताकि आपको पता चल सके कि इस जोखिमभरी यात्रा के बारे में खुद आपको पहले से कितनी जानकारी है। वैसे ज्यादातर सैलानी, माउंटेन बाइकिंग के जरिये गंगटोक से हनुमान टोक और रुम्टेक मठ तक जाना पसंद करते हैं, क्योंकि यह एक रोमांचक ट्रैक है, जिसकी अनुशंसा विशेषज्ञ भी करते हैं। यहां से होते हुए सैलानी तेमी स्थित चाय के बागानों तक जाते हैं। यहां से और ऊंचाई पर जाने के लिए बाइकर्स ताशिडिंग मठ तक भी जाते हैं।