राष्ट्रीय संग्रहालय में कलाकृतियों और उत्कृष्ट वस्तुओं का एक अच्छा-खासा संग्रह है, जो 5,000 से अधिक वर्ष पुरानी भारतीय सांस्कृतिक की विरासत को दर्शाता है। इसमें भारतीय और विदेशी दोनों ही तरह की कलाओं की लगभग 2,00,000 प्राचीन कृतियां देखने को मिलती हैं। यहां का पुस्तकालय शोधकर्ताओं के लिए किसी सोने की खान से कम नही है, क्योंकि यहां नृविज्ञान, पुरातत्व, संरक्षण, सजावट कला, इतिहास, साहित्य, संग्रहालय अध्ययन, चित्रकला, दर्शन और धर्म से संबंधित शोध और संदर्भ के लिए किताबें और पत्रिकाएं मौजूद हैं। इस पुस्तकालय में 60,000 से अधिक पुस्तकें और कई भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय पत्रिकाएं भी हैं।
15 अगस्त, सन् 1949 को भारत के तत्कालीन गवर्नर जनरल श्री आर सी राजगोपालाचारी द्वारा इस संग्रहालय का उद्घाटन किया गया था। इस भवन का शिलान्यास 12 मई, सन् 1955 को देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने किया था। इस भवन के पहले चरण का औपचारिक उद्घाटन 18 दिसंबर, सन् 1960 को डॉ. एस राधाकृष्णन द्वारा किया गया था, और इसका दूसरा चरण सन् 1989 में पूरा हुआ।

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