वन विहार ऊपरी झील के पास एक पहाड़ी के ऊपर स्थित एक खुला प्राणि उद्यान है, इसमें विशाल बाड़े हैं जिनके अन्दर शेर, बाघ, भालू, तेंदुआ और लकड़बग्घा जैसे जानवर रखे जाते हैं। मांसाहारी पशु मनुष्यों से सुरक्षित दूरी पर रखे जाते हैं, लेकिन काला हिरन तथा चीतल जैसे शाकाहारी जीवों को स्वतंत्र रूप से घूमने की अनुमति है। एक तरफ़ पक्षी लगातार चहकते हुए हवा में उड़ान भर रहे होते हैं, तो दूसरी तरफ़ मगरमच्छ और कछुए धूप सेंक रहे होते हैं। इस वन विहार में एक प्रमुख आकर्षण इसकी सरीसृप इकाई है, जहां आप अजगर, रसेल के वाइपर और कोबरा जैसे सांप देख सकते हैं। एक अन्य विशेष खंड है जो विभिन्न प्रकार के कीड़ों और तितलियों को समर्पित है। चूंकि यह पार्क ऊपरी झील के करीब है, सर्दियों में यहाँ प्रवासी पक्षियों को भी देखा जा सकता है। पार्क का रक्षा केन्द्र बीमार जानवरों की देखभाल करता है। यह वन विहार एक रमणीय स्थान है जिसमें पर्यटक वन्यजीवों के क़रीब आने का अनुभव प्राप्त कर सकते हैं। इस पार्क को कार या बाइक पर बैठ सबसे अच्छी तरह से देखा जा सकता है, जोकि यहाँ किराए पर आसानी से उपलब्ध हैं।

यह पार्क 445 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला हुआ है, तथा इसे वनभूमि के एक अतिक्रमित भाग को उसके मूल प्राकृतिक रूप में बहाल करने और देशज वनस्पतियों व जीवों की रक्षा करने के लिए बनाया गया था। 1981 में इस वन विहार को वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया था। यह पार्क पूरे वर्ष भर, यहां तक ​​कि मानसून के दौरान भी आगंतुकों के लिए खुला रहता है जिस समय अधिकांश अन्य भारतीय राष्ट्रीय उद्यान अपने द्वार बंद कर देते हैं।

अन्य आकर्षण