सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान वन्यजीव प्रेमियों के लिए जन्नत जैसा आनंददायक है। यहाँ बाघ, तेंदुआ, जंगली भालू, चार सींग वाले हिरण और नीलगाय के साथ-साथ कई प्रकार की पक्षी प्रजातियां जैसे कि दूधराज या सुल्ताना बुलबुल, मधुबाज़ और मालाबारी धब्बेदार धनेश पक्षी तथा उड़ने वाली गिलहरी और रीसस बंदर पाए जाते हैं। इसका संस्कृत नाम ‘सतपुड़ा’ सात पहाड़ियों का प्रतीक है तथा इस उद्यान की स्थलाकृति नालों, झरनों, नालों, संकीर्ण घाटियों और घने जंगलों से आच्छादित है।

524 वर्ग किमी के क्षेत्र में फैला यह राष्ट्रीय उद्यान सन 1981 में स्थापित किया गया था। यह पचमढ़ी जीवमंडल संरक्षित स्थान का एक हिस्सा है तथा यहाँ स्तनधारियों की 50 प्रजातियाँ, पक्षियों की 254प्रजातियाँ, सरीसृपों की 30 प्रजातियाँ, तितलियों की 50 प्रजातियाँ और पेड़ों और झाड़ियों की अनेकों प्रजातियाँ मौजूद हैं। 

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