शहर के बाहरी इलाके में स्थित सोगल अपने मंदिरों, झरनों और प्राकृतिक सुंदरता के कारण कर्नाटक के सभी हिस्सों से आगंतुकों को आकर्षित करता है। सोगल में सबसे लोकप्रिय आकर्षण सोमेश्वर मंदिर है, जो राष्ट्रकूटों (6ठी शताब्दी ईसवी से 10वीं शताब्दी ईसवी) द्वारा बनाया गया था और अतीतकाल काल में धार्मिक शिक्षाओं के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र रहा है। स्थानीय लोगों के बीच प्रचलित एक लोकप्रिय लोककथा के अनुसार धार्मिक उपदेश सुनने के लिए बाघ भी सोगल जाया करते थे। मंदिर का भ्रमण करने के बाद, पर्यटक सोगल जलप्रपात की ओर जा सकते हैं, जो 60 फीट की ऊंचाई से नीचे गिरता है और एक शानदार दृश्य प्रस्तुत करता है। यहाँ के सुरम्य परिवेश के बीच स्थित सोगल जलप्रपात एक पहाड़ी से नीचे गिरता है और इसके सान्निध्य में पर्यटकों को पर्वतारोहण तथा शिविर लगाने जैसी विभिन्न रोमांचक गतिविधियों में लिप्त होने के अवसर उपलब्ध हैं।

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