सुरम्य परिवेश के मध्य स्थित तथा औपनिवेशिक सौन्दर्य से परिपूर्ण थलासेरी नामक तटीय शहर क्रिकेट, सर्कस और केक की भूमि के रूप में प्रसिद्ध है।ऐसा कहा जाता है कि थालास्सेरी में निवासरत अंग्रेज बहुत शौक से क्रिकेट खेला करते थे और भारत के सर्कस का जन्म इसी शहर में हुआ था। स्वादिष्ट केक परोसने वाली कई बेकरियों के कारण थालास्सेरी केक खरीदने के लिए सबसे मशहूर जगहों में से एक बन चुका है।कन्नूर जिले में स्थित यह खूबसूरत शहर अपने प्राचीन किलों, सुन्दर चर्चों, सुरम्य समुद्र तटों और अलंकृत मंदिरों की ओर पर्यटकों को आकर्षित करता है। 'मालाबार पेरिस' के नाम से प्रसिद्ध यह शहर ब्रिटिश, फ्रेंच और पुर्तगाली शासनकाल के दौरान मालाबार क्षेत्र में विशेष महत्व रखता था।18 वीं शताब्दी में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा निर्मित थालास्सेरी किला यहाँ का सबसे अधिक देखा जाने वाला पर्यटन स्थल है, जो अपनी अनूठी वास्तुकला और प्राचीन आकर्षण से आगंतुकों पर जादू बिखेरता है। यह भव्य किला ख़ूबसूरत नक्काशीदार दरवाजों, विशाल खिड़कियों और आकर्षक भित्ति चित्रों से सुसज्जित है। इस किले के ठीक बगल में स्थित सफेद रंग से रंगा इंग्लिश चर्च या सेंट जोंस का एंग्लिकन चर्च है, जिसे मालाबार तट पर बनाए जाने वाले सबसे पहले चर्चों में से एक कहा जाता है। थालास्सेरी में मुगप्पिलनगढ़ समुद्र तट देश में सबसे बड़े ड्राइव-इन समुद्र तटों में से एक है जिन पर गाड़ियाँ चलाई जा सकती हैं, सूर्यास्त के दौरान उस समुद्र तट पर कार चलाने का अपना ही एक अलग आनंद है। थालास्सेरी उत्तर केरल के सर्वश्रेष्ठ तोहफ़ों में से एक है और केरल की यात्रा के दौरान इस तटीय शहर का दौरा ज़रूर किया जाना चाहिए।

अन्य आकर्षण