बाबा अटल राय बुर्ज स्वर्ण मंदिर के दक्षिण में स्थित है। 40 मीटर ऊंचा यह बुर्ज नौ मंज़िला है, जो अमृतसर की सबसे ऊंची इमारतों में से एक है। पौराणिक कथाओं के अनुसार सिखों के छठे गुरु, गुरु हरगोबिंद के नौ वर्षीय पुत्र अटल राय ने अपने मृत मित्र मोहन को पुनर्जीवित कर दिया था। अपनी आध्यात्मिक शक्तियों का प्रदर्शन करने के लिए गुरु हरगोबिंद ने नौ वर्षीय बालक को बहुत फटकारा था। कानून तोड़ने की भरपाई स्वरूप अटल राय ने समाधि ले ली थी। इस अष्टकोणीय बुर्ज की हर एक मंज़िल अटल राय के जीवन के हर साल को दर्शाती है। आरंभ में, यह इमारत एक बुर्ज के रूप में बनाई गई थी, किंतु फलतः इसे गुरुद्वारे में परिवर्तित कर दिया गया। इस बुर्ज के प्रथम तल पर गुरुनानक के जीवन से लिए गए परिदृश्यों को भित्तिचित्रों के माध्यम से दर्शाया गया है। बुर्ज की ऊपरी मंज़िल से अमृतसर शहर का व्यापक व मनोरम परिदृश्य देखा जा सकता है।      

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