जीवन की सहज व आरामदायक गति, प्राकृतिक दृश्यों की प्रचुरता और निर्मलता, एक सुकून भरे अवकाश के लिए परिपूर्ण शहर बनाते हैं मिज़ोरम की राजधानी आइज़ॉल को। पर्वतों की लगभग ऊर्ध्वाधर ऊंचाइयों पर आश्चर्यजनक रूप से टिके हुए आइज़ॉल को ख़ूबसूरत चर्चों, साफ-सुथरे इलाकों, विस्तृत हरियाली और नीली झीलों के संगम के रूप में जाना जाता है। इस शहर के आसपास स्थित डर्टलैंग की चोटियाँ तथा तुशिंग और तुरीयाल नदियों से यहां एक मनोरम पृष्ठभूमि निर्मित होती है। हालांकि इस शहर की समग्र आभा शांत है, लेकिन इस के हलचल वाले बाज़ार और रोमांच से भरपूर दृश्य काफी ऊर्जावान हैं। स्थानीय नदी तलवांग में राफ्टिंग व ऐंगलिंग से लेकर पर्वतारोहण तथा डर्टलैंग चट्टानों में पैराग्लाइडिंग और गुफा पर्यटन के अवसर आइज़ॉल को रोमांच प्रेमियों की पसंद बनाते हैं।

अंडाकार आकृति की पलक दिल झील आइज़ॉल शहर का केंद्रबिंदु है। यह इस राज्य की सबसे बड़ी प्राकृतिक झील है जोकि अपनी सुंदरता से दिल पर छाप छोड़ देती है। इसके अतिरिक्त यहां की रंगीन और जीवंत जनजातीय संस्कृति, जिसे आप शहर में बारीकी से अनुभव कर सकते हैं, स्पष्ट करती है कि क्यों आइज़ॉल पूर्वोत्तर में स्थित सबसे लोकप्रिय पर्यटक आकर्षणों में से एक है। 'आइज़ॉल' नाम का शाब्दिक अर्थ जंगली इलायची के खेत है और कहा जाता है कि इसकी उत्पत्ति तब हुई जब 19 वीं शताब्दी में थानरुमा और लालसवुंगा नाम के मिज़ो सरदारों ने मौजूदा राजभवन के वर्तमान स्थल पर और उसके आसपास गाँवों की स्थापना की।