भव्य बाणासुर पहाड़ियों की पृष्ठभूमि में स्थित बाणासुर सागर बांध, भारत का सबसे बड़ा और एशिया का दूसरा सबसे बड़ा मिट्टी से बना बांध है। काबिनी नदी की सहायक नदी करमनाथोडू पर स्थित, यह बांध अपने मनोरम परिवेश और प्राचीन सौंदर्य से बरबस ही पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित कर लेता है। आरामदायक नाव की सवारी से लेकर इसके आस-पास के पहाड़ी इलाकों में ट्रैकिंग का लुत्फ उठाते हुए पर्यटक यहां कई मजेदार एडवेंचर का आनंद ले सकते हैं। इस बांध का नाम असुरराज बाणासुर के नाम पर है और यह बांध कलपेट्टा जिले में वायनाड से 26 किमी की दूरी पर स्थित है।

 बाणासुर सागर बांध का निर्माण गर्मी के महीनों में पेयजल और सिंचाई आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए किया गया था। यह बांध कक्कयम जलविद्युत परियोजना को भी पानी की आपूर्ति कराता है।

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