शैव मत, नाथ संप्रदाय के महान संत मत्स्येन्द्रनाथ की समाधि, पीर मत्स्येन्द्रनाथ क्षिप्रा नदी के तट पर गढ़कालिका मंदिर और भर्तृहरि गुफाओं के समीप स्थित है। यह पर्यटक सर्किट पर एक लोकप्रिय स्मारक है। यहां के 6 वीं और 7 वीं शताब्दी ईसा पूर्व के पुरातन अवशेष पर्यटकों को लुभाते हैं। माना जाता है कि मत्स्येन्द्रनाथ, गोरक्षनाथ के गुरु थे, जिन्होंने लोकप्रिय हठ योग की शुरुआत की थी। मत्स्येन्द्रनाथ को नाथ पंथ का अगुआ और नौनाथ (नौ संतों का एक समूह) में से एक माना जाता है। माना जाता है कि इस संत ने इसी जगह समाधि ली थी, इसीलिए उनकी कब्र यहां बनाई गई। विभिन्य धर्मों के पर्यटक विश्व भर से इस स्मारक को देखने आते हैं और इस संत के प्रति सम्मान प्रकट करते हैं।

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