यह एक जटिल प्रिंट है। इसमें कपड़े में कहीं पर भी गांठ बांध दिया जाता है। इसके बाद इस कपड़े को अलग-अलग रंग और पैटर्न देने के लिए रंगों में डुबोया जाता है। कपड़े के बांधने के ढंग के अनुसार कई तरह की छपाई कपड़ों पर हो जाती है। इसमें चन्द्रकला, बावन बाग, शिकरी जैसे विभिन्न प्रकार के पैटर्न प्रमुख हैं। बंधेज टाई और डाई आर्ट का सबसे पुराना रूप है। ऐतिहासिक साक्ष्यों के अनुसार, बाणभट्ट के हर्षचरित के समय पहली बंधेज प्रिंट की साड़ी पहनी गई थी।

इस प्रिंट के प्रमुख रंगों में लाल, पीले, हरे, नीले और काले रंग हैं। लाल रंग का उपयोग नव विवाहित जोड़े की अच्छी किस्मत के किया जाता है! यद्यपि यहां के रंगरेजों ने प्राकृतिक और मानव निर्मित रंगों के साथ विभिन्न प्रयोग किया है। वे ज्यादातर इस कला में ऑर्गेनिक रंगों का उपयोग करते हैं। इस राज्य की महिलाओं में बांधेज प्रिंट की साड़ियां बहुत लोकप्रिय हैं। इसकी गुणवत्ता बहुत ही उत्तम है। ये साड़ियां हल्की, हवादार और सुंदर होती हैं।