पश्मीना शॉल भव्यता, विलासिता और कश्मीर की अलौकिक सुंदरता का प्रतीक है। इसकी बनावट से ही इसकी भव्यता का अंदाजा लगाया जा सकता है। ऐसा माना जाता है कि इसका उद्भव नेपाल में हुआ था। पश्मीना अथवा कश्मीरी ऊन को विश्व में सबसे नरम ऊन माना जाता है, यह ऊन काफी गर्म होता है। अति सुंदर पश्मीना शॉल बनाने के लिए जिस ऊन का उपयोग किया जाता है, वह एक प्रकार के भेड़ से प्राप्त किया जाता है, जिसे कैप्रा हिरकस (च्यांगरा) कहा जाता है। ये आमतौर पर 12,000 फीट की ऊंचाई पर पाये जाते हैं, जहां का तापमान शून्य से न्यूनतम -40 डिग्री सेंटीग्रेड तक होता है। पश्मीना का उल्लेख महाकाव्य महाभारत में भी किया गया है तब यह सम्राटों और रईसों का पसंदीदा था। पश्मीना से कपड़े बनाने की कला 3000 ईसा पूर्व पुरानी मानी जाती है। कहा जाता है कि इसने कई राजाओं और रानियों के घर को सजाया है, इनमें नेपोलियन और मैरी एंटोनेट भी हैं।

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