निशात बाग डल झील के पूर्वी छोर पर स्थित है। यह गार्डन कश्मीर घाटी में जबरवन पर्वत श्रृंखला की मनमोहक पृष्ठभूमि में बनाया गया दूसरा सबसे बड़ा मुगल उद्यान है। निशात बाग या 'गार्डन ऑफ जॉय' को वर्ष 1633 में मुगल रानी नूरजहां के बड़े भाई आसिफ खान ने निर्मित किया गया था।

इस गार्डन से जुड़ी मुगल बादशाह शाहजहां के ईर्ष्या की एक दिलचस्प कहानी है। कहा जाता है कि जब शाहजहां ने इस गार्डन को निर्मित होने के बाद इसे पहली बार देखा, तो इसकी सुंदरता और भव्यता की उसने बहुत सराहना की। ऐसा कहा जाता है कि उन्होंने जरूरत से ज्यादा ही इसकी प्रशंसा कर डाली, इस उम्मीद में कि आसिफ खान उन्हें यह बतौर उपहार दे देगा। लेकिन जब आसिफ खान की ओर से कोई प्रस्ताव नहीं आया, तो शाहजहां ने बगीचे में पानी की आपूर्ति बंद करने का आदेश दिया। उद्यान कुछ दिनों तक सूना रहा जिससे आसिफ खान का दिल टूट गया। एक दिन जब वह एक पेड़ के नीचे आराम कर रहा था, तो उसके एक वफादार नौकर ने शालीमार बाग को पानी की आपूर्ति करने वाला स्रोत चालू कर दिया। शाहजहां के आदेशों की अवज्ञा और डर से, आसिफ खान ने तुरंत पानी की आपूर्ति बंद करने का आदेश दिया। हालांकि, शाहजहां ने खान के नौकर द्वारा इस साहसी कार्य को सुन उसे दंडित न कर, उसने मालिक की वफादारी के लिए नौकर की सराहना की और पानी की आपूर्ति की पूर्ण बहाली का आदेश दिया। निशात बाग के वास्तुकला की रूपरेखा फारसी उद्यानों की मूल अवधारणा पर आधारित है।

अन्य आकर्षण