महाराष्ट्र-गुजरात सीमा पर स्थित, संजन का छोटा शहर देश की पहली पारसी बस्तियों में से एक है। ऐसा कहा जाता है कि ज़रथुष्ट्र शरणार्थी, जिनके वंशज पारसी के नाम से जाने जाते हैं, उन्होंने इस शहर की स्थापना की थी। संजन विभिन्न कालखंडों के हिंदू मूर्तियों सहित, कला से संबंधित खुदाई के लिए प्रसिद्ध है। वर्ष 2002 में जब यहां की खुदाई की गई तो खुदाई के दौरान मानव कंकाल, सिक्के, मिट्टी के बर्तन, मोतियों और शीशे की कई वस्तुएं मिली। यहां टॉवर ऑफ साइलेंस या डोकमा की संरचना की भी खोज की गई है, जो कि एक अद्वितीय ज़रथुष्ट्र मोर्चरी है। संजन का सबसे लोकप्रिय आकर्षण संजन मेमोरियल कॉलम है, जो वर्ष 1917 के दौरान भारत में पारसियों के आगमन को चिह्नित करने के लिए बनाया गया था। यह स्मारक पारसी समुदाय के लिए विशेष महत्त्व रखता है और उनके लिए एक प्रमुख पवित्र स्थान है। यह संजन सिलवासा से लगभग 27 किमी की दूरी पर स्थित है और यह एक दिलचस्प भ्रमण स्थल भी है।

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