झारखंड के आदिवासी समूह बेल-धातु, पीतल और अन्य प्राकृतिक सामग्रियों से बने विभिन्न प्रकार के आभूषणों को सुशोभित करते हैं। आभूषणों में ज्यादातर हार, अंगूठी, चूड़ियां, कंगन और सुंदर डिजाइन और पैटर्न में बने पायल शामिल हैं। इनमें से अधिकांश आभूषणों में जामुन, फूल और पत्तियों के रूपांकन भी शामिल होते हैं। बिहार और झारखंड की संथाल महिलाएं सूक्ष्म कान के छल्ले, कमर या करधनी और चूड़ी जिसको चूड़ा भी कहा जाता है पहनती हैं। उनके माथे आकर्षक टिकुली से सजे होते हैं। आदिवासी समुदाय के लोग सुंदर जातीय आभूषण सामग्री बनाने के लिए जंगली घास का उपयोग करते हैं जैसे हार। कभी-कभी गहने जर्मेल सिल्वर से बनाए जाते हैं जो उन्हें एक स्थायी चमक देते हैं। पर्यटक राँची के विभिन्न दुकानों से अच्छे आदिवासी आभूषणों को चयन कर खरीद सकते हैं या भीड़-भाड़ वाले फुटपाथी बाज़ारोंं में अपनी किस्मत आज़मा सकते हैं।

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