यह छोटा सा शहर गोपालपुर, बेरहामपुर से 16 किमी और पुरी से 173 किमी दूरी पर है। यह ओडिशा का एक लोकप्रिय रेत तट है, जो पूरे देश से आने वाले पर्यटकों को अपने स्वच्छ और नीले पानी से लुभाता है। बंगाल की खाड़ी पर स्थित, यह रेत तट समुद्री उपासकों के लिए एक बेहद आकर्षक गंतव्य है। इस रेत तट से सूर्योदय और सूर्यास्त बहुत ही अद्भुत दिखते हैं और इसीलिए यह स्थान पर्यटन योग्य है। रोमांच के दीवाने लोग यहां सर्फिंग और पाल-नौकायन पर अपना हाथ आजमा सकते हैं और उन अछूते स्थानों पर जा सकते हैं जहां पहले कोई नहीं गया हो। आज इसे लोकप्रिय रूप से पाल-नाविकों के स्वर्ग के रूप में जाना जाता है, जब कि प्राचीन काल में इस समुद्र तट का, कलिंग के समुद्री यात्रियों के लिए एक महत्वपूर्ण बंदरगाह के रूप में उपयोग होता था। प्रथम विश्व युद्ध के दौरान भी यह एक महत्वपूर्ण सैन्य बंदरगाह था जहां से सैनिकों ने बर्मा (अब म्यांमार) प्रस्थान करते थे। यहीं सन् 1914 में, ओडिशा का पहला आधुनिक होटल स्थापित किया गया था। यह रेत तट कैजुरीना के पेड़ों से भरा पड़ा है, और यह भारत के सबसे साफ सुथरे रेत तटों में से एक है। यहां पर समुद्र की लहरे काफी बड़ी तेज और गहरी होती हैं जिसे झेलना दिग्गज तैराकों के लिये भी कठिन है, फिर भी यहां काफी कुछ किया जा सकता है। आप यहां शांति से टहल सकते हैं और रेत तट के दृश्यों को आत्मसात कर सकते हैं, या शहर के चारों ओर घूम सकते हैं, जहां पुराने युग की पुरानी, सुंदर इमारतें हैं। समुद्री खाने के शौकीनों को यहां बहुत सारे फूड ज्वाइंट मिल जाएंगे। कलिंग डाइवर्स एसोसिएशन के सौजन्य से यहां बोटिंग और वाटर स्पोर्ट्स/जल क्रीड़ा की सुविधाएं भी उपलब्ध हैं।

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