भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा संरक्षित, 280-फुट लंबा और 36-फुट चौड़ा अठारनाला पुल का निर्माण 13 वीं शताब्दी में गंगा वंश के राजा भानु देव द्वारा किया गया था। यह मुथिया नदी पर बनाया गया था, और यह ओडिशा राज्य के प्राचीन स्थापत्य शैली का एक शानदार नमूना है। यह उस समय की इंजीनियरिंग तकनीकों का एक शानदार उदाहरण है, और वह इस तथ्य से साबित होता है कि यह पुल अभी भी उपयोग में है। इस पुल का नाम, ईंटों के 18 मार्ग से बना है: अठार का मतलब है 18, और नाला का अर्थ है मार्ग। यह पुल, पुरी के प्रवेश द्वार पर स्थित है, और भगवान जगन्नाथ के इस पवित्र निवास स्थान में आने वाले सभी लोगों का यह स्वागत करता है। स्थानीय लोग इसका उपयोग रोज ही करते हैं।

Other Attractions in Puri