मधुबनी पेंटिंग ग्रामीण कला का एक रूप है इसे बिहार के मिथिला क्षेत्र की महिलाओं द्वारा विकसित किया गया था। परंपरागत रूप से यह चावल के पेस्ट और टहनियों की निब या उंगलियों के साथ की जाती थीए लेकिन आज के कलाकार रंगीन चित्रों के लिए कागज और कपड़े का उपयोग करते हैं। यह पेंटिंग ज्यादातर पौराणिक कहानियों को दर्शाती है और पहले महिलाओं द्वारा अपने घरों में देवताओं का स्वागत करने के लिए यह पेंटिंग कि जाती थी। ऐसा माना जाता है कि मधुबनी पेंटिंग की शुरूआत राम युग से हुई थी।

राजा जनक ने अपनी पुत्री सीता के विवाह में कलाकारों द्वारा चित्रकारी करवाई थी। पटना शहर में आप घर की सजावट के लिए मधुबनी पेंटिंग खरीद सकते हैं या मधुबनी पेंटिंग की छाप वाली साड़ियों की खरीदारी कर सकते हैं। वर्ष 2018 मेंए पटना नगर निगम ;पीएमसीद्ध ने शहर की दीवारों पर सामाजिक संदेशों के साथ राज्य की विरासत को चित्रित करने के लिए एक अभियान शुरू किया है।

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