सिद्धपुर का एक और प्रसिद्ध मंदिर रुद्र महालय मंदिर है, जिसे रुद्रमल मंदिर भी कहा जाता है। इस मंदिर का निर्माण 10वीं शताब्दी में राजा मूलराज ने करवाया था। किंवदंतियों के अनुसार, संभवतः 12वीं शताब्दी में सिद्धराज जयसिम्हा ने इसका पुनर्निर्माण करवाया था। मंदिर को पहला और सबसे बड़ा चालुक्य मंदिर कहा जाता है। यह एक बहु-मंजिला मंदिर है। इसमें एकादश रुद्रों को समर्पित 11 सहायक मंदिर हैं। उत्खननों से इनमें से कुछ सहायक मंदिरों, एक तोरण, दो ड्यौढ़ियों और मुख्य मंदिर कपिली के चार स्तंभों का पता चला है। इसके बगल में सुंदर तराशे हुए विशाल स्तंभ, विशाल दरवाजा और तोरण मेहराब पाए गए हैं। स्तंभ और तोरण आज मंदिर के एकमात्र अवशेष के रूप में खड़े हैं। उन पर व्यापक और विस्तृत नक्काशी सिद्धपुर के शासकों के समृद्ध इतिहास के प्रमाण हैं।

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