पानीपत से लगभग 175 किमी की दूरी पर स्थित, हिसार शहर का इतिहास में एक प्रमुख स्थान है। यहां मनुष्य की उपस्थिति का पहला प्रमाण हड़प्पा की पूर्व बस्तियों अग्रोहा, बनावली और कुणाल की खुदाई से मिला था। जब पर्यटक इस शहर में घूमने के लिए आएं, तो उन्हें यहां से 22 किमी दूर स्थित, अग्रोहा के इस ऐतिहासिक पुरातात्विक स्थल पर ज़रूर जाना चाहिए। इस पुरातात्विक स्थल की नियमित खुदाई से पता चला है कि इस जगह पर एक किलेबंद बस्ती थी और लोग यहां चौथी शताब्दी ईसा पूर्व से चौदवीं शताब्दी ईस्वी तक रहते थे। खुदाई में बौद्ध स्तूप और एक हिंदू मंदिर के अवशेषों के साथ ईंटों से बने आवासीय और सामुदायिक घरों का भी पता चला है। यह माना जाता है कि अग्रोहा, अग्रवाल समुदाय के महाराजा अग्रसेन के शासन काल में उनके साम्राज्य की राजधानी थी। यहां का एक अन्य आकर्षण फिरोजशाह पैलेस कॉम्प्लेक्स है, जिसे 1354 ईस्वी में फिरोजशाह तुगलक (1351-1388 ई.) द्वारा बनवाया गया था। महल परिसर में एक खुला प्रांगण है, जो बहुमंजिली इमारतों से घिरा हुआ है और इसकी पश्चिमी दीवार के पास एक रास्ता है, जो छत की ओर जाता है। महल परिसर में एक भूमिगत आवास, दीवान-ए-आम, गुजरी महल और लोकप्रिय लट-की-मस्जिद भी है।

पर्यटक हिसार के बाहरी इलाके में मौजूद 'ब्लू बर्ड लेक' में भी जा सकते हैं। यहां की भूमि नमी से भरपूर है, जो स्थानीय पक्षियों के साथ-साथ और प्रवासी पक्षियों का भी घर है। प्रकृति का यह अद्भुत संगम, इसे एक बड़े पिकनिक स्थल के लिए उचित बनाता है। यहां पर्यटक बोट किराए पर ले सकते हैं और बर्डवॉचिंग का आनंद भी उठा सकते हैं। नजदीक में ही काले हिरणों, चित्तीदार हिरणों और सांभर हिरणों का पार्क भी है।

हिसार शहर की स्थापना मुस्लिम शासक फिरोजशाह तुगलक ने 1354 ई. में की थी। 'हिसार' नाम एक अरबी शब्द से आया है, जिसका अर्थ है किला। प्रारंभ में, इस जगह को 'हिसार फिरोजा (हिसार-ए-फिरोजा) या दूसरे शब्दों में, फिरोज का किला भी कहा जाता था।

अन्य आकर्षण