विगत काल में परंबिकुलम वन्यजीव अभयारण्य के रूप में जाना जाने वाला, परम्बिकुलम टाइगर रिजर्व, पलक्कड़ शहर से लगभग 3 घंटे की दूरी पर, पश्चिमी घाट के नेलीमपथी अनामलाई में स्थित है। यह पहला स्थान है, जहां पर वैज्ञानिक रूप से प्रबंधित सागौन वृक्षारोपण किया जाता है और यहां पर दुनिया का सबसे पुराना और सबसे ऊंचा सागौन का पेड़ है, जो लगभग 50 मीटर ऊंचा है और 17 मंजिला इमारत जितना लंबा है!

इस रिज़र्व में 30 से अधिक बाघ विचरण करते हैं और प्राय: हर मौसम में दिखाई देते हैं। यहां कई अन्य जानवर, पक्षी तथा मछलियां भी देखी जा सकती हैं।

यह रिज़र्व, वन्यजीव सफारी के अलावा अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए भी जाना जाता है। लहरदार पहाड़ियों के ऊपर से घने जंगल का नजारा मंत्रमुग्ध कर देने वाला है। ऊपर से देखने पर हरे भरे जंगल का नज़ारा कुछ ऐसा लगता है मानो तालाब के जैतूनी नीले पानी ने इन्हें बांध रखा हो और इस पर बगल से निकलने वाली धाराओं के तो क्या कहने! इस रिजर्व के अंदर कुछ आदिवासी बस्तियां हैं, जहां प्राय: पर्यटकों को दोपहर के भोजन की व्यवस्था हो जाती है।

अन्य आकर्षण