गोदावरी नदी को शान से निहारता आलीशान नांदेड़ का किला इस क्षेत्र का एक भव्य स्मारक है। इस किले के ऊपर से आप जहां तक नजर जाए, वहां तक हरे-भरे खेत और गोदावरी के चमकते पानी के बेहद सुंदर दृश्य देख सकते हैं। ये दृश्य आंखों को बेहद सुकून प्रदान करते हैं। यह किला एक पहाड़ी पर बना हुआ है और मान्यता है कि ऐसा एक रणनीतिक उद्देश्य के तहत किया गया था ताकि यदि कोई दुश्मन इस तरफ आने की कोशिश करे तो उस की गतिविधियों पर सही तरह से नजर रखी जा सके। इस किले की दीवारों में निशानेबाजों के लिए बनाए गए आले इसे सैन्य दृष्टि से सुदृढ़ बनाते हैं। यह किला पत्थर और लकड़ी से बना हुआ है। इस किले के भीतर एक बहुत बड़ा प्रांगण है जो किले के अन्य हिस्सों से मेहराबदार रास्तों के जरिए जुड़ा हुआ है जो इस क्षेत्र विशेष की शैली में निर्मित हैं। दिलचस्प बात यह है कि यहां के स्थापत्य में बौद्ध प्रभाव भी दिखाई देता है। इस किले में बहुत सारे पत्थर से बने कमरे भी हैं जिनमें अवश्य ही अनाज और हथियार रखे जाते होंगे। साथ ही यहां बहुत सारी सीढ़ियां वाला एक बड़ा जलाशय भी है।

यह किला छठी शताब्दी में नंद साम्राज्य द्वारा बनवाया गया था। आज इस किले के केवल भग्नावशेष ही मौजूद हैं क्योंकि मुगलों ने मराठवाड़ा पर कब्जे के लिए यहां बहुत बार चढ़ाई की और इसीलिए यहां आकर आप को अपनी कल्पनाओं के घोड़े दौड़ाने का अवसर मिलता है कि कैसे मुगल सेना ने इस महान किले को धवस्त किया होगा। यहां आसपास रहने के लिए बहुत सारे सस्ती जगहें हैं और यहां के स्थानीय लोग आपको इस जगह के बारे में रोचक किस्से-कहानियां सुनाने के लिए आतुर रहते हैं जिससे यहां की आपकी यात्रा और अधिक यादगार व दिलचस्प हो जाती है।

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