कुकरैल रिजर्व फ़ॉरेस्ट की प्रसिद्धि डियर पार्क के साथ.साथ मगरमच्छ की लुप्तप्राय प्रजातियों की नर्सरी के लिए जाना जाता है। यह वन क्षेत्र हरे.भरे पेड़ों से ढका हुआ हैए जिससे यहां के विभिन्न रास्ते छायादार रहते हैं और आगंतुकों को लिए चहल कदमी में आसानी होती है। इस जंगल में विभिन्न प्रकार के पक्षी और कुछ काले हिरन पाए जाते हैं। पर्यटक यहां पिकनिक भी मना सकते हैं क्योंकि यहां बच्चों का पार्कए कैफेटेरिया और रेस्ट हाउस है। आप यहां आराम करने के साथ.साथ अनोखे मगरमच्छ को देख सकते हैं और उनके लुप्त होने के कगार से वापस लाने वाली योजनाओं के बारे में जान सकते हैं।कुकरैल रिजर्व फ़ॉरेस्ट को 1978 में मगरमच्छों की लुप्तप्राय प्रजातियों के प्रजनन के लिए स्थापित किया गया था। इसे उत्तर प्रदेश वन विभाग और पर्यावरण एवं वन मंत्रालयए भारत सरकार के सहयोग से वित्त पोषित किया गया है। यह पहल वर्ष 1975 में प्रकृति और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के लिए अंतर्राष्ट्रीय संघ द्वारा किए गए एक अध्ययन का प्रत्यक्ष परिणाम थीए जिससे पता चला था कि उत्तर प्रदेश में केवल 300 मगरमच्छ बचे हैं। ये सभी मगरमच्छ चंबल नदी और अन्य छोटी नदियों में पाए जाते हैं। इस अध्ययन में कहा गया कि इन प्राणियों को संरक्षित करने और उनकी रक्षा करने की बेहद आवश्यकता हैए जबकि उनकी संख्या बढ़ाने के उपाय भी स्वीकृत किये गए थे।

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