चूने पत्थर की हरी-भरी पहाड़ी पर भगवान शिव का गुफ़ा मंदिर गुप्तेश्वर स्थित है जो एक बहुत ही श्रद्धेय तीर्थस्थल है। यह मंदिर गुप्तेश्वर कहलाता है, जिसका शाब्दिक अर्थ है छिपे हुए भगवान। इस यह नाम इसलिए पड़ा क्योंकि यह मंदिर लंबे समय तक गुफ़ाओं में छिपा रहा था। कोई भी व्यक्ति 200 सीढ़ियां चढ़कर इस मंदिर तक पहुंच सकता है, इन सीढ़ियों के साथ चंपक वृक्षों की कतार लगी हुई है। मंदिर का विशाल आंतरिक भाग एक भव्य लिंग दर्शाता है तथा यह गुफ़ा बहु-कक्षीय संरचना है। इसका प्रवेशद्वार लगभग 3 मीटर चौड़ा एवं 2 मीटर ऊंचा है। दूसरी गुफ़ा के भीतर, बड़े-बड़े लवणस्तंभ हैं जिनकी पूजा भगवान कामधेनु (दिव्य गाय) के थन के रूप में की जाती है।

श्रद्धालुगण इनके नीचे अंजली में जल की बूंदें लेने के लिए धैर्यपूर्वक खड़े रहते हैं, जो लंबे अंतराल के बाद टपकती हैं। इस क्षेत्र के आसपास के गांवों एवं पड़ोसी राज्यों से श्रद्धालुगण इस मंदिर में निरंतर आते रहते हैं। 

अन्य आकर्षण