थेनमाला को भारत की पहली सुनियोजित ईको-टूरिज्म का गौरव हासिल है।  यहां पर 10 ईको-टूरिज्म स्थल हैं जिनमें तिरुअनंतपुरम, पतनामथिता और कोल्लम जिले की की ऊंची पर्वत माला शामिल है। विभिन्न प्रकार के हिरणों जैसे कि चीतल, लॉन डियर और सांभर का प्रमुख केंद्र है। यह एक मशहूर पिकिनिक स्थल है। जंगल के बीच से गुजरना न केवल शांतिदायक अनुभव होता है बल्कि आपका परिचय उस क्षेत्र में मौजूद पेड़ों की विभिन्न प्रजातियों से करवाता है। कृष्णा नाम के हिरण की खूबसूरत प्रतिमा एक सुंदर फोटोग्राफी स्थल है। इस पार्क में कुछ पेड़ों के ऊपर झोपड़ियां भी बनी हुई हैं। इसके अलावा, हिरण पुनर्वास केंद्र भी यहां पर बना हुआ है जिसमें विभिन्न प्रजाति के हिरणों की नस्लें पाई जाती हैं।  यहां बच्चों के लिए कई तरह के झूलों और फिसल पट्टी से युक्त एक मनोरंजन क्षेत्र भी है। 'थेनमाला' शब्द का अनुवाद शहद वाली पहाड़ी है। ऐसा माना जाता है कि क्षेत्र की संरचना के कारण यहां की शहद उच्चतम गुणवत्ता की होती है।  थेनमाला घूमने का सबसे उपयुक्त समय दिसंबर और फरवरी के बीच होता है।  

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