भारतीय संग्रहालय

कोलकाता के भारतीय संग्रहालय में प्राचीन वस्तुएंए कवचए आभूषणए जीवाश्मए कंकाल यडायनासोर काद्धए ममी और मुगल चित्रकारी आदि मौजूद है। पर्यटक इसमें 4ए000 वर्ष पुरानी मिस्र की ममी और बुद्ध के अवशेषों वाला कलश आदि देख सकते हैंए जो इस संग्रहालय के विशेष आकर्षणों में से एक हैं। पर्यटक यहां दूसरी शताब्दी के भरहुत स्तूप का प्रतिरूप भी देख सकते हैं। संग्रहालय में कलाए पुरातत्वए नृविज्ञानए भूविज्ञानए प्राणि विज्ञान और आर्थिक वनस्पति विज्ञान से संबंधित कलाकृतियों के 35 दीर्घाओं के छह खंड हैं। भारतीय संग्रहालय देश के सबसे बड़े और सबसे पुराने संग्रहालयों में से एक है और इसकी स्थापना वर्ष 1814 में एशियाटिक श्सोसाइटी ऑफ़ बंगालश् द्वारा की गई थी। संग्रहालय के संस्थापक क्यूरेटर डेनिश वनस्पतिशास्त्रीए डॉण् नाथनियल वालिच थे।

भारतीय संग्रहालय

जादवपुर विश्वविद्यालय

जादवपुर विश्वविद्यालय के कैम्पस में ऊंचेण्ऊंचे वृक्षाेेें की कई श्रंखलाएंए आंखों को लुभाते दृश्य आदि सब मिलकर एक दर्शनीय स्थल बनाते हैं। इस अंतरराष्ट्रीय ख्याति के विश्वविद्यालय को अनुसंधान और एडवांस्ड स्टडी में अपने उत्कृष्ट योगदान के लिए जाना जाता है। इसकी स्थापना 24 दिसंबर 1955 को भारत सरकार के एक कानून द्वारा की गई थी। यह पहले पहल तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देने वाली सोसाइटी थीए लेकिन बाद में इसे एनसीई में समामेलित कर दिया गया। एन सी ई उस समय कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी की निगरानी करता थाए जिसने वर्ष 1940 तक लगभग एक विश्वविद्यालय के रूप में कार्य किया। इसमें गुरु रवींद्रनाथ टैगोरए सर गुरुदास बनर्जीए आनंद कुमारस्वामीए सुरेंद्रनाथ बनर्जीए सखाराम गणेश देवस्कर सहित और कई और गणमान्य व्यक्ति पढ़ाया करते थे।

जादवपुर विश्वविद्यालय

बिड़ला औद्योगिक और तकनीकी संग्रहालय

बिड़ला औद्योगिक और तकनीकी संग्रहालयश् बच्चों और वयस्कों दोनों को आकर्षित करता है और इसका आकर्षण ही इसे एक दर्शनीय स्थल बनाता है। फ़िज़िक्सए ट्रांसपोर्टए मोटिव पावरए बायोटेक्नोलॉजीए मेटल्सए इलेक्ट्रिसिटीए टेलीविज़नए लाइफ साइंसए अंडरग्राउंड कोल माइन यएक मॉक अपद्धए पापुलर साइंसए गणित और चाइल्ड्स गैलरी सहित इसमें 12 गैलरी शामिल हैं। गुरुसुदेय रोड पर स्थित यह भारत का पहला वैज्ञानिक और औद्योगिक संग्रहालय है। यहां नियमित रूप से विज्ञान कार्यक्रम और स्काई ऑब्जर्वेशन प्रोग्राम आयोजित किए जाते हैं।

बिड़ला औद्योगिक और तकनीकी संग्रहालय

नेहरू चिल्ड्रन म्यूजियम

नेहरू चिल्ड्रन म्यूजियम की स्थापना 14 नवंबरए 1972 और बाल दिवस के दिन पंडित जवाहरलाल नेहरू को श्रद्धांजलि के रूप में की गई थी। यह दिन इस महान नेता के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। यह चार मंजिलों में फैला हैए जिसे डॉल गैलरीए टॉय गैलरीए रामायण गैलरी और महाभारत गैलरी में विभाजित किया गया है। यह संग्रहालय डॉल की विस्तृत संग्रह के लिए जाना जाता हैए जो दुनिया भर के लगभग 88 देशों से एकत्र की गई हैं। ये सब दुनिया भर से विभिन्न संस्कृतियों और परंपराओं का उपयुक्त प्रतिनिधित्व करती हैं। पर्यटकों को यहां विशेष रूप से ओरिएंटल और वेस्टर्न वेराईटीज़ खासी पसंद आती है। इसके अलावा यहां महाभारत और रामायण से विभिन्न घटनाओं और दृश्यों के मिट्टी के प्रतिरूप भी हैं। यह संग्रहालय बच्चों के लिए कार्यशालाओं और प्रतियोगिताओं का आयोजन भी करता है।

नेहरू चिल्ड्रन म्यूजियम

गुरुसुदेय संग्रहालय

गुरुसुदेय संग्रहालय शहर के सबसे प्रमुख संग्रहालयों में से एक है। यहां 3ए300 से अधिक शानदार लोक कला और शिल्पकला भी प्रदर्शित की जाती हैए जो उस समय के ग्रामीण जीवन को दर्शाती है। ये अवशेष विभाजित बंगाल से लेकर आज के बंगाल तक के हो सकते हैं। पर्यटक जामदानी जैसी पारंपरिक बंगाली साड़ियों के साथण्साथ डोकरा शिल्पए सुंदर कालीघाट पेंटिंगए अद्भुत पक्की मिट्टी के काम और प्राचीन पत्ताचित्र के एक शानदार संग्रह को भी देख सकते हैं। इस संग्रहालय की स्थापना माननीय गुरुसुदेय दत्ता ने की थीए जो कला पारखी होने के साथण्साथ एक सिविल सर्वेंट भी थे।साल दर साल कई प्रसिद्ध हस्तियों ने यहां कई उल्लेखनीय योगदान दिए हैं। भारत सरकार के पूर्व केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉण् प्रताप चंद्र चंदर ने 80 चीनी कलाकृतियां दींए जबकि श्री प्रसनजी रॉय ने छत्तीसगढ़ के डोकरा धातु शिल्प का संग्रह दान किया था।

गुरुसुदेय संग्रहालय

कोलकाता पुलिस संग्रहालय

स्वतंत्रता के पहले से लेकर विभाजन के बाद के समय तक कोलकाता के पुलिस विभाग के वृद्धि और विकास का प्रदर्शन इस संग्रहालय को दर्शनीय बनाता है। यहां बंदूकों के विकास को प्रदर्शित करने वाली एक अलग गैलरी है। स्वतंत्रताण्पूर्व के दौरान क्रांतिकारियों ने जिन हथियारों को इस्तेमाल किया थाए उनकी प्रदर्शनी यहां लगाई गई है। साथ हीए इनमें वे हथियार भी शामिल हैए जो स्वतंत्रता संग्राम के समय जब्त किए गए थे। आप इस संग्रहालय में 64 नेताजी फ़ाइलों के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इसे समाज सुधारक राजा राममोहन राय के पूर्व घर पर स्थापित किया गया हैए जो 113 प्रफुल्ल चंद्र रोड पर स्थित है।

कोलकाता पुलिस संग्रहालय

साइंस सिटी

साइंस सिटी भारत में सबसे बड़ा विज्ञान केंद्र होने का रिकॉर्ड अपने नाम करती है। इसमें वयस्कों और बच्चों दोनों के लिए समान रूप से कई आकर्षण हैं। ष्साइंस ऑन ए स्फियरष् इस केंद्र पर नवीनतम संस्करण है और यहां ग्रहों की रोचक जानकारी दिखाने के लिए जायंट एनिमेटिड ग्लोब का इस्तेमाल किया जाता है। पर्यटक धीमी गति से चलने वाली इलेक्ट्रिक कार में राइड का आनंद लेते हुए विकास के विभिन्न चरणों की प्रदर्शनी का आनंद ले सकते हैं। लाइट और साउंड इसकी राइड को और रोमांचक बना देती है। इसका डिजिटल परिदृश्य इसका एक अनोखा आकर्षण हैए जो पिछले 6 मिलियन वर्षों में मानव प्रगति को दर्शाती है। पर्यटक यहां एक अम्यूजमेंट पार्क का आनंद भी ले सकते हैंए जिसमें डायनासोर संग्रहालय है। यहां खेलों की सुविधा भी है।

साइंस सिटी

बिड़ला तारामंडल

पंडित जवाहरलाल नेहरू ने 2 जुलाईए 1963 को बिड़ला तारामंडल का उद्घाटन किया था। इसके खगोलीय वेधशाला में एक सेलेस्ट्रान ब्ण्14 टेलीस्कोप और एसटी 6 सीसीडी कैमरा और सौर फिल्टर जैसे उपकरण शामिल हैंए जो इसकी यात्रा को और दिलचस्प बनाते हैं। यहां एक खगोल विज्ञान गैलरी हैए जिसमें प्रसिद्ध खगोलविदों की तस्वीरें और खगोलीय मॉडल हैं। यहां की इलेक्ट्रॉनिक्स प्रयोगशाला विज्ञान उपकरणों की डिजाइन और निर्माण के उपयोग में लाई जाती है। पर्यटक यहां खगोल विज्ञान पर 100 से भी अधिक परियोजनाएं देख सकते हैं। जो खगोलण्भौतिकीए अंतरिक्ष विज्ञान और ग्रहों और सितारों के बारे में मिथकों सहित विभिन्न पहलुओं को दर्शाते हैं।

बिड़ला तारामंडल

रामकृष्ण मिशन विवेकानंद विश्वविद्यालय

रामकृष्ण मिशन प्रशासन के तहत रामकृष्ण मिशन विवेकानंद शैक्षिक और अनुसंधान संस्थान में कई पाठ्यक्रम संचालित होते हैं। ग्रामीण और आदिवासी विकास से लेकर विकलांगता प्रबंधन और भारतीय सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत के अध्ययन तकए यह यूनिवर्सिटी गहराई से नए क्षेत्रों के अध्ययन को बढ़ावा देती है। इसका मुख्य कैंपस बेलूर में है और कोलकाता के अलावा इसके अन्य परिसर कोयंबटूरए रांची और नरेंद्रपुर में हैं।

रामकृष्ण मिशन विवेकानंद विश्वविद्यालय