शहर के सबसे पुराने कब्रिस्तानों में से एक, पार्क स्ट्रीट सीमेट्री में ब्रिटिश काल के कई भव्य मकबरे और शानदार स्मारक हैं। वर्ष 1767 में ब्रिटिश शासन में स्थापित, ये दुनिया के पहले गैर-चर्च कब्रिस्तानों में से एक था। यह आठ एकड़ के क्षेत्र में फैला हुआ है और ईंट की दीवारों से घिरा हुआ है। इसमें लगभग 1,600 कब्रों के साथ-साथ पट्टिकाएं, स्मारक और समाधि लेख हैं। समाधि के ऊपर का हिस्सा जिसे टॉम्बस्टोन कहते हैं, इंडो सारसेनिक और गोथिक शैलियों के एक समामेलन को दर्शाती हैं, जबकि बलुआ पत्थर की कब्रें जिसे ग्रेवस्टोन कहते हैं, वर्गकार, आयताकार और गोलाकार आकार में निर्मित होती हैं। कब्रगाह में समाधि के ऊपर यूरोपीय शैलियों में अलग-अलग निशान बने होते हैं, जैसे ग्रीक कलश, रोमन गुंबद, ताबूत, पिरामिड, स्तूप और चौखूंटा मीनार आदि।
पार्क स्ट्रीट में स्थित इस कब्रिस्तान में, कलकत्ता में बसे हुए यूरोप के नामी-गिरामी प्रवासियों को यहां दफनाया जाता था। बंगाल आंदोलन के सर्जक- हेनरी लुई विवियन डिरोज़ियो, एशियाटिक सोसाइटी ऑफ कलकत्ता के संस्थापक-सर विलियम जोन्स और जाने-माने कवि माइकल मधुसूदन दत्त उन लोगों में शामिल हैं, जिन्हें यहां दफनाया गया था। इसे बुरियल ग्राउंड रोड के नाम से भी जाना जाता था। अब ये कब्रिस्तान विरासत स्थल में तब्दील हो चुका है, जिसे भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा संरक्षित किया जाता है।

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