सरकार द्वारा प्रायोजित सांस्कृतिक केंद्र, नंदन का उद्घाटन 2 सितंबर, 1985 को ऑस्कर विजेता और फिल्म निर्माता सत्यजीत रे द्वारा किया गया था। वह इसके संरक्षकों में से एक थे और उन्होंने उस प्रतीक को डिजाइन किया था जिसे इमारत के मोहरे पर लगाया गया है। यहां पर तीन बड़े मोशन पिक्चर थिएटर हैं, जिनमें 1,324 लोग बैठ सकते हैं। एक थिएटर में केवल आर्ट फिल्मों का ही प्रदर्शन होता है। सेमिनार और कॉन्फ्रेंस हॉल के साथ एक भव्य मंच भी नंदन का हिस्सा है। इसे पूर्वी भारत का शीर्ष सांस्कृतिक केंद्र कहा जाता है और मशहूर अभिनेता उत्पल दत्त और अनिल चटर्जी जैसे अभिनेता इससे जुड़े रहे हैं। कई पुस्तकों का भी प्रकाशन नंदन द्वारा किया गया है, इनमें 'अ पोयट विद अ कैमरा', '100 ईयर्स ऑफ सिनेमा', 'बेंगाली फिल्म डायरेक्ट्री' आदि शामिल हैं। यहां पर कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोहों, सेमिनारों, वाद-विवाद, वार्षिक व्याख्यान, प्रशिक्षण पाठ्यक्रम, रेट्रस्पेक्टिव और प्रदर्शनियों का आयोजन किया जाता है। यहां पर आपको हर दिन थिएटर और डांस के लाइव परफॉरमेंस देखने को मिलेंगे। यह सेंट पॉल कैथेड्रल रोड पर, विक्टोरिया मेमोरियल के दक्षिण-पूर्व में स्थित है। नंदन, रवीन्द्र सदन सांस्कृतिक केंद्र, शिशिर मंच और ललित कला अकादमी के साथ स्थित है।

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