महाजाति सदन, ऐतिहासिक धरोहर वाली इस इमारत में जादू के शो, सेमिनार, बैठक, संगीत और नृत्य कार्यक्रमों का आयोजन होता है, यह एक शानदार सांस्कृतिक सभागार है। यहां का एक अन्य आकर्षण पुस्तकालय है, जिसकी पहली मंजिल पर मिट्टी से बने बंगाल के स्वतंत्रता सेनानियों की मूर्तियां लगी हैं। सदन की दीवारों पर भी आप इन महान हस्तियों की तस्वीरों को देख सकते हैं।
इस सदन की कल्पना नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने की थी और वर्ष 1939 में नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्रनाथ टैगोर ने इसका शिलान्यास किया था। उन्होंने सदन को "राष्ट्र का घर" कहा, और इस अवसर पर अपनी लोकप्रिय कविता "बांग्लार माटी, बांग्लार जल" का पाठ किया।। हालांकि, नेताजी के अचानक गायब होने से इमारत का निर्माण रोक दिया गया था लेकिन स्वतंत्रता के बाद, बिधान चंद्र रॉय ने भवन के निर्माण को पूरा किया।

अन्य आकर्षण