नबद्वीप स्थित इस्कॉन मंदिर को शहर के प्रमुख पवित्र स्थलों में से एक माना जाता है, जो हर वर्ष दस लाख से अधिक भक्तों अथवा पर्यटकों को आकर्षित करता है। श्री ए.सी. भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद ने, भारत में इस्कॉन के पहले केंद्र की स्थापना अल्बर्ट रोड पर सन् 1970 के अगस्त में की थी। मई 1971 में, इस मंदिर में भगवान की पहली मूर्ति को स्थापित कर प्रार्थना शुरू की गई। 12 जुलाई 1972 को पहली रथयात्रा की शुरूआत हुई, जिसमें स्थानीय लोगों ने भरपूर उत्साह से भाग लिया। मंदिर के सभागार से सटा हुआ कमरा श्री ए.सी. प्रभुपाद का था, जिसमें टाइपराइटर (मुद्ण यंत्र), रिकाॅर्डर, श्रीमद्भागवत ग्रंथ और उनके आध्यात्मिक गुरू श्री भक्तिसिद्धांत सरस्वती की तस्वीर है। उनका निजी सामान आज भी इसी कमरे मे संजो कर रखा गया है।

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