स्थानीय लोगों द्वारा पाण्डव मन्दिर के नाम से विख्यात तीन प्राचीन क्रिमची मन्दिर भगवान विष्णु, भगवान गणेश तथा देवी पार्वती को समर्पित हैं। माना जाता है कि इन मन्दिरों का निर्माण 11वीं तथा 12वीं शताब्दी में किया गया था और ये सम्भवत: जम्मू-कश्मीर राज्य के प्राचीनतम मंदिरो में से एक हैं। इसकी वास्तुकला प्राचीन ग्रीक (हेलेनिक) शैली की है। ये मन्दिर पत्थरों पर स्थित हैं जो छोटी जलधारा से घिरा है। इन मन्दिरों की वास्तुकला अद्भुत और हिन्दू देवताओं के आकर्षक प्रतिमाओं से परिपूर्ण है। मुख्य मन्दिर की ऊँचाई 50 फीट है। इस स्थान से जुड़ी एक लोकप्रिय कथा है कि महाभारत काल में राजा कीचक ने क्रिमची नामक क़स्बा बसाया और पाण्डवों ने अपने अज्ञातवास के कुछ वर्षों तक यहाँ शरण ली इसीलिए इन मन्दिरों को पाण्डव मन्दिर भी कहा जाता है।

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