प्राचीन तापी नदी केतट पर बसा जम्मू एवं कश्मीर राज्य की शीतकालीन राजधानी जम्मू में सैकड़ों मन्दिर स्थित हैं। इसके अंचल मेंस्थित लोकप्रिय हिन्दू तीर्थस्थल वैष्णो देवी मन्दिर सेलेकर अनेक धार्मिक संरचनाओं से युक्त जम्मू शहर मन्दिरों के दर्शन तथा आध्यात्मिकवैभव के लिए एक आदर्श स्थान है।
भारत की स्वतन्त्रतासे पूर्व यह शहर डोगरा राजघराने (1846-1947) की सत्ता का केन्द्र था। कहा जाता है कि जम्मू की स्थापना एक शक्तिशाली स्थानीय शासक बाहु के भाईराजा जम्बू लोचन ने की जिसने 9वीं शताब्दी के दौरान यहाँ शासन किया। कहा जाता हैकि एक बार शिकार करते समय जम्बू लोचन ने एक ही तालाब में एक चीते तथा एक बकरी कोसाथ-साथ पानी पीते हुए देखा। उसके मन्त्रियों ने इसकी व्याख्या करते हुए बतायाकि ऐसा इस कारण से सम्भव हुआ है क्योंकि यहाँ की मिट्टी इतनी पवित्र है जिसके कारण यहाँ सभी प्राणी शान्तिपूर्वक रह सकते हैं। इस विचार सेप्रभावित होकर राजा ने वहाँ अपनी राजधानी स्थापित करने का निर्णय लिया। इस प्रकारताकतवर तथा दुर्बल सभी लोगों को आश्रय देने वाले नगर जम्बूपुरा की स्थापना की गयी।मध्यकाल से ही जम्मू समृद्धशाली रहा, यहाँ की उर्वर भूमि ने उदारतापूर्वक उपहारप्रदान किये हैं और कश्मीर, एशिया माइनर तथा अन्य देशों तक व्यापार के लिए यह एकप्रमुख ठहराव स्थल है।