जैसलमेर शहर की सीमा पर परित्यक्त गाँव कुलधरा के खंडहर हैं जिन्होंने सदियों से पर्यटकों के मस्तिष्क को मोहित कर रखा है। सन 1800 के आस पास यह गाँव समृद्ध कस्बा हुआ करता थाए लेकिन कहा जाता है कि एक विशाल त्रासदी के बाद कस्बे के निवासी इसे रातों रात छोड़ गए। किंवदंती के अनुसार किसी ने गाँव वालों को वहाँ से जाते नहीं देखाए और न ही कोई इस बड़े पैमाने पर पलायन का कारण ही जानता है। तब से कोई भी यहाँ आबाद नहीं हो पाया।

इस बारे में कई कहानियाँ प्रचलित हैं कि कैसे एक क्षेत्र के लगभग हज़ार निवासी ग़ायब हो गएए और यह इसे इतिहास का सबसे दिलचस्प और रोमांचक विषय बनाता है। इस उजाड़ए परित्यक्त स्थान के खंडहरों से होकर गुजरना आप को इतिहास की समय यात्रा पर ले जाता है। लगभग 200 साल पुराने खंडहरों की खुदाई में जल संरक्षण की कुछ दिलचस्प तकनीकें प्राप्त हुई हैंए जो ऐसे रेगिस्तान में जहां पानी दुर्लभ वस्तु हैए एक उल्लेखनीय उपलब्धि है। गाँव के परित्यक्त मकानों को अक्सर फिल्म के सेट के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। पर्यटक ऊंटों की सवारी द्वारा इस गाँव की सैर कर सकते हैं जो पर्यटन के मौसम में हर जगह आसानी से उपलब्ध हो जाती है। 

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