अध्यात्म और शांति में डूबा गया बिहार में पवित्र फल्गू नदी के किनारे पर स्थित है। गया एक प्रमुख हिन्दू तीर्थ है जहां भगवान राम के चरण पड़े थे। विष्णुपद मंदिर यहां का सबसे प्रमुख मंदिर है और इसके अलावा भी बहुत सारे पवित्र स्थान इस क्षेत्र में मौजूद हैं। इनमें से ज्यादातर पवित्र स्थलों का नाता रामायण काल से रहा है और इन्हें लेकर कई तरह की किंवदंतियां और कथाएं प्रचलित हैं। एक लोकप्रिय मान्यता यह है कि भगवान राम ने यहां स्थित रामशिला पर अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पिंड-दान किया था और इसीलिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां पिंड-दान के लिए आते हैं। यहां का एक अन्य दर्शनीय स्थल वह अक्षय-वट है जिसके बारे में कहा जाता है कि यह धरती का सबसे पुराना जीवित वृक्ष है।

बिहार की राजधानी पटना से तकरीबन 100 किलोमीटर की दूरी पर स्थित गया, मंगला गौरी, श्रृंग-स्थान, राम-शिला और ब्रह्मयोनि नामक चार पहाड़ियों से घिरा हुआ है। कहा जाता है कि किसी समय मगध साम्राज्य (ईसा पूर्व 684-320) का हिस्सा रहे गया का नाम दैत्य गयासुर के नाम पर पड़ा जिसका वध भगवान विष्णु ने किया था। यहां स्थित बहुत सारे जैन-मंदिरों के चलते यह स्थान जैनियों के लिए भी एक पवित्र स्थान का दर्जा रखता है।