इस पर्यटक सर्किट के सबसे प्रमुख आकर्षणों में से एक है शाही परिवार का पूर्ववर्ती निवास महल-किला सुजानपुर तिरा। पर्यटक यहां बारादरी के साथ-साथ परिसर स्थित पांच मंदिरों में जा सकते हैं। बारादरी उस हॉल को कहते हैं जहां दरबार लगा करता था। किले के चारों ओर घूमते हुए आप इस महल के शाही अतीत के अवशेषों को देख सकते हैं। किले का प्रवेश द्वार इसके दीवारों पर उकेरे गए कुछ उत्कृष्ट चित्रों के साथ काफी शानदार दिखता है। यहां का एक प्रमुख आकर्षण गौरी शंकर मंदिर है, जो भगवान शिव और देवी पार्वती को समर्पित है। किले का निर्माण वर्ष 1758 में कटोच वंश के अभय चंद ने करवाया था।'सुजानपुर’ नाम शायद 'सज्जनपुर’ से लिया गया लगता है जिसका अर्थ होता है एक ऐसा स्थान जहां सज्जन और ईमानदार लोग रहते हों। किंवदंती है कि जब महाराजा संसार चंद कटोच ने अपनी राजधानी कांगड़ा से इस शहर में स्थानांतरित की, तो पहाड़ी या तिरा पर एक किले, महलों, मंदिरों और दरबारों को एक साथ जोड़कर लोग इसे सुजानपुर तिरा कहने लगे।

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