दक्षिण भारत में आभूषणों के लिए एक विनिर्माण केन्द्र बना कोयंबटूर मशीन-निर्मित और साँचा-निर्मित आभूषण दोनों के लिए प्रसिद्ध है। यह भारत के दक्षिणी भाग में हीरा काटने के मुख्य केंद्रों में से एक भी है।

आभूषण बनाना एक रचनात्मक और जटिल प्रक्रिया है। सबसे पहले, डिजाइन का खाका कागज पर बनाया जाता है। जब आभूषण हस्तनिर्मित होते हैं, तो प्रमुख घटक जैसे जोड़ इत्यादि हाथ के साधारण उपकरणों द्वारा बनाए जाते हैं। वास्तव में इस सुंदर काम में कारीगर के कौशल को देखा जा सकता है।

आभूषण बनाने का एक अन्य तरीका साँचे द्वारा है, जब पिघली हुई धातु को उन सांचों में डाला जाता है जिनमें वांछित आकार और आकृति में गुहाएं बनी होती हैं। मोम के ज़रिए साँचे में ढालने की प्रक्रिया का यहाँ सबसे अधिक उपयोग किया जाता है। इसमें आभूषण को पहले मोम से तराशा जाता है, जिसे फिर एक साँचा बनाने के लिए उपयोग किया जाता है। जब वास्तविक प्रक्रिया चल रही होती है, तो मोम चमकते हुए आभूषणों को आकार देकर ख़ुद पिघल जाता है।

सोने के आभूषण और सामान दक्षिण भारतीय संस्कृति का एक अभिन्न हिस्सा हैं और महिलाओं द्वारा उत्सव के अवसरों के साथ-साथ दैनिक जीवन में भी पहने जाते हैं।

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