अच्छी गुणवत्ता की लकड़ी से निर्मित चेन्नई के हस्तशिल्प अपनी साफ-सुथरी बनावट , प्रभावशाली डिजाइन और दीमक प्रतिरोध के लिए जाने जाते हैं। इस पूरे राज्य का काष्ठ शिल्प प्रसिद्ध है और नागरकोइल और सुचिंद्रम जैसे शहर विशेष रूप से अपनी उत्तम वस्तुओं के लिए जाने जाते हैं। पारंपरिक शिल्प का उपयोग खूबसूरती से नक्काशीदार और जटिल विन्यासों से सुसज्जित वस्तुओं बनाने के लिए किया जाता है जो मानव जीवन के लालित्य को उभारती हैं। यहाँ मिलने वाली आकर्षक लकड़ी की वस्तुएँ विशेष अवसरों पर उपहार में दी जा सकती हैं। चेन्नई की काष्ठकला में मुख्य रूप से बांस के ताने, बेंत, घास और नरकट के साथ ताड़ के पेड़ों की लकड़ी का उपयोग किया जाता है। लकड़ी के छाल के अतिरिक्त यहाँ के कारीगर नारियल के रेशों का उपयोग करके टोकरी, रस्सी, चटाई जैसे अन्य उत्पाद भी बनाते हैं। यहाँ मिलने वाली अन्य वस्तुओं में पुष्प रूपांकनों से सुसज्जित मेज या रामायण और महाभारत महाकाव्यों के दृश्यों को प्रदर्शित करते लकड़ी के फ़लक शामिल हैं। चेन्नई के हस्तशिल्प भंडारों में लकड़ी की कलाकृतियों और दैनिक उपयोग की वस्तुओं की एक विस्तृत श्रृंखला उपलब्ध है, जो स्मृति चिन्ह के रूप में घर ले जाने के लिए उत्तम विकल्प हैं।

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