यह धार्मिक आकर्षण बीदर के दक्कन क्षेत्र की विविधता का प्रमाण है। गुरुद्वारा बीदर सिख समुदाय के लिए सबसे पवित्र स्थानों में से एक है और इसीलिए विशेषकर नवंबर और मार्च के महीनों के दौरान यहाँ श्रद्धालुओं की एक बड़ी संख्या आती है। स्थानीय किंवदंती के अनुसार, जब यह क्षेत्र एक भयानक अकाल की चपेट में था, तब गुरु नानक ने इसका दौरा किया और एक मखाराला चट्टानों के एक पहाड़ से चमत्कार पूर्वक पानी के झरने  का निर्माण किया। इस झरने ने लोगों की प्यास को बुझाया और इस विश्वास को जन्म दिया कि जो पानी का स्रोत गुरु की आज्ञा पर फूटता है वह अनेकों बीमारियों को ठीक करने में सक्षम होता है। गुरुद्वारा नानक झीरा का शांत वातावरण उसके प्राकृतिक परिवेश द्वारा और अधिक सुरम्य हो जाता है जिसमें एक सरोवर और एक अमृत ​​कुंड अर्थात मीठे पानी का तालाब शामिल हैं। यहाँ एक लंगर अर्थात सामुदायिक रसोईघर गुरुद्वारे में आने वाले सभी लोगों के लिए गर्म और पौष्टिक भोजन परोसता है और यहाँ देश के सभी कोनों से गुरुद्वारे में आने वाले तीर्थयात्रियों के लिए साफ कमरे भी उपलब्ध हैं। 

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