कर्नाटक राज्य के सबसे पुराने किलों में से एक, बेलगाम किला वास्तुशिल्प का जीवंत चमत्कार है। 13 वीं शताब्दी में रत्ता वंश के शासकों द्वारा निर्मित यह किला अपने अस्तित्व में एक भव्य प्राचीर समेटे हुए है जिसने लंबे समय तक दुश्मनों से इस शहर की रक्षा की। जैसे ही आप इस किले के परिसर में प्रवेश करते हैं, आपके समक्ष भगवान गणपति और देवी दुर्गा के मंदिरों के साथ-साथ भव्य सफा मस्जिद सहित विभिन्न मस्जिदों का परिदृश्य स्पष्ट होता है। मस्जिद की मीनारें, गुंबद और मेहराब वास्तुकला की इंडो-सारसेनिक (भारतीय-सीरियाई) और दक्कनी शैलियों के एक सहज मिश्रण का प्रतीक हैं। पत्थर और मिट्टी के उपयोग से निर्मित यह अंडाकार किला विशाल गढ़ों से सुशोभित है। इसकी मेहराबों, गुंबदों और प्रवेश द्वारों में दक्कन, इंडो-सारसेनिक (भारतीय-सीरियाई) और चालुक्य शैलियों के प्रभाव को स्पष्ट देखा जा सकता है। यह किला भारत के आधुनिक इतिहास में भी विशेष महत्व रखता है क्योंकि यही वह स्थान था जहाँ स्वतंत्रता संग्राम के दौरान अंग्रेजों ने महात्मा गांधी को कैद किया था। यह किला सप्ताह के सातों दिन में सुबह 8 से शाम 6.30 बजे तक खुला रहता है।

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