नारद कुंड प्रसिद्ध तप्त कुंड से बिलकुल नजदीक स्थित है। यह बद्रीनाथ यात्रा के सबसे महत्वपूर्ण बिंदुओं में से एक है। भगवान बद्रीनाथ के मंदिर में पूजा करने जाने से पहले भक्त अक्सर इस गर्म पानी के झरने में डुबकी लगाते हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार, यह माना जाता है कि आदि शंकराचार्य ने नारद कुंड में वसंत ऋतु में भगवान विष्णु की मूर्ति की खोज की थी। बद्रीनाथ मंदिर के बाईं ओर स्थित कुंड को, गौरी शिला नामक एक आध्यात्मिक चट्टान से गर्म पानी मिलता है। इस कुंड का नाम नारद मुनि के नाम पर रखा गया है, जिनके बारे में माना जाता है कि उन्होंने इस स्थान पर नारद भक्ति सूत्र लिखा था। कुंड के गर्म पानी में औषधीय गुण होते हैं, जो माना जाता है त्वचा के कई रोगों को ठीक कर देते हैं।  

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