हेमकुंड साहिब, गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब के रूप में भी जाना जाता है, जो सिख समुदाय के लिए एक अत्यंत पूजनीय तीर्थस्थल है। ऐसा माना जाता है कि सिखों के दसवें गुरु, गुरु गोविंद सिंह जी ने यहां 10 साल ध्यान में बिताए थे। धार्मिक स्थल की लोकप्रियता को और बढ़ाता है गढ़वाल हिमालय से घिरा इसका मनमोहक स्थान। हेमकुंड साहिब, हेमकुंड पर्वत की चोटियों के बीच स्थित है। हेमकुंड नाम का अर्थ है बर्फ की झील और इसका पानी वास्तव में बर्फ की तरह ठंडा है। अक्टूबर और अप्रैल के बीच सर्दियों के मौसम में इसे बंद किए जाने से पहले देश के कोने-कोने से बड़ी संख्या में भक्त गुरुद्वारा में मत्था टेकने आते हैं। सिख तीर्थयात्री गुरुद्वारे में पगडंडी की मरम्मत कराने में मदद करते हैं, जो अक्सर सर्दियों के मौसम के बाद क्षतिग्रस्त हो जाती है। गुरुद्वारे में एक सुंदर झील भी है जहां श्रद्धालु पवित्र डुबकी लगाते हैं। ऐसा माना जाता है कि यह स्थान कभी भगवान राम के भाई लक्ष्मण के लिए ध्यान लगाने का मैदान हुआ करता था। भगवान लक्ष्मण को समर्पित वहीं पास में बना मंदिर भी हेमकुंड साहिब की यात्रा के दौरान देखा जा सकता है।

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