मुगल बादशाह अकबर के समय में निर्मित और अचंभित कर देने वाली कई वास्तुशिल्पों में से एक 'इलाहाबाद किले' को मुगल साम्राज्य का सबसे विशाल किला माना जाता है। यह राजसी किला संगम पर यमुना नदी के किनारे आज भी बड़ी शान से खड़ा है। कहा जाता है कि इसका निर्माण 1583 ई. में किया गया था। इसमें तीन शानदार गलियारें है, जो ऊंची-ऊंची मीनारों से घिरे हुए हैं। कहा जाता है कि बादशाह ने 16 वीं शताब्दी में इस जगह का दौरा किया था और वे इससे इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने यहां किले का निर्माण करवाया और उसका नाम इलाहाबास या देवस्थान रखा। शाहजहां के शासनकाल में इसका नाम बदलकर इलाहाबाद कर दिया गया। किला परिसर में जोधाबाई नामक एक महल (बादशाह की पत्नी जोधाबाई को समर्पित एक शाही निवास) स्थित है, जो हिंदू और इस्लामी वास्तुकला शैलियों का अद्भुत संगम है।

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