प्रयागराज के किले के निकट शहर का एक और दर्शनीय स्थल है- बड़े हनुमानजी का मंदिर। इसे लेटे हुए हनुमान का मंदिर भी कहा जाता है। यहां हनुमानजी की 20 फीट लंबी मूर्ति लेटी हुई या आराम करने की अवस्था में स्थापित की गई है। यह दुनिया का एकमात्र ऐसा मंदिर है, जहां भगवान हनुमान की इस आसन में पूजा अर्चना की जाती है। कहा जाता है कि लंका को जलाने के बाद भगवान हनुमान काफी थक गए थे और देवी सीता के आग्रह पर यहां विश्राम करने के लिए लेट गये थे। इसका उल्लेख महाकाव्य रामायण में भी मिलता है। अत: इसके बाद यहां अब लाल पत्थर वाला मंदिर बना दिया गया। इस मंदिर की दिलचस्प बात यह है कि जमीन के नीचे लाल-संतरी खंभों और बाड़े से घिरे एक गड्ढे में भगवान की मूर्ति छह से सात फिट की दिखाई देती है।

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