प्राकृतिक सौंदर्य को शुद्ध स्वरूप मे देखने के लिए एटुरूनगरम वन्यजीव अभयारण्य की यात्रा सर्वोत्तम तरीका है। वन विभाग द्वारा आयोजित एक जीप सफारी ले लें और सुंदर पेड़ों की कतारों से सुसज्जित तंग सड़कों से गुजरते हुए हिरण, नीलगाय, सांभर और आलसी भालू को देखने लिए तैयार हो जाएं। अजगर, कोबरा, मगरमच्छ और अन्य सरीसृप प्रजातियों का आश्रय, यह तेलंगाना के सबसे लोकप्रिय वन्यजीव अभयारण्यों में से एक है और दुनिया के दुर्लभ क्षेत्रों में से एक है, जिसमें विभिन्न प्रकार की क्षणभंगुर (जो बहुत कम समय के लिए रहती हैं) तत्वों की भ्रूणीय प्रजातियां भी पाई जाती हैं। 806 वर्ग किमी के क्षेत्र में फैला यह अभयारण्य, आसान और चुनौतीपूर्ण,दोनों प्रकार की पदयात्रा प्रदान करता है। कुछ दुर्लभ वृक्षों के जीवाश्म भी यहां खोजे गए हैं, जो इसे ऐतिहासिक महत्व का क्षेत्र बनाते हैं। दय्यम वागु नदी द्वारा जंगल को दो भागों में विभाजित किया गया है। इटुरुनगरम वन्यजीव अभयारण्य वरंगल से 110 किलोमीटर की दूरी पर है। तत्कालीन हैदराबाद सरकार द्वारा 1953 में इसे वन्यजीव अभयारण्य घोषित किया गया था।

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