जाखू पहाड़ी शिमला की सबसे ऊंची चोटी है। यह जाखू मंदिर के लिए प्रसिद्ध है, जो भगवान हनुमान को समर्पित है। यदि आप क्राइस्ट चर्च के पास की वृक्षावली से ऊपर देखते हैं, तो आपको ऐसा प्रतीत होगा कि 33 मीटर ऊंची भगवान की यह मूर्ति आपको घूर रही है। कहा जाता है कि भगवान हनुमान जब लक्ष्मण के लिए संजीवनी बूटी लेने गए थे, तो उन्होंने यहां विश्राम किया था।। यह मंदिर शहर से काफी दूरी पर स्थित है, इसलिए विश्व पटल पर इसका आकर्षण अभी भी ज्यों का त्यों बना हुआ है। इस मंदिर तक पहुंचने के लिए एक छोटी केबल कार की सवारी की जा सकती है, जो पहाड़ के काफी ऊपर से जाती है। इसके अलावा आप पहाड़ी के सुंदर-सुंदर रास्तों से होते हुए मंदिर तक जा सकते हैं, जो चर्च के बगल से शुरू होते हैं। इसके आसपास के इलाके में सैकड़ों बंदर हैं, जो यहां के पर्यटकों में खासे आकर्षण का कारण हैं। इन बंदरों को मंदिर परिसर अपना घर -सा लगता है। साथ ही, ये बंदर कुछ अपनी नटखट गतिविधियों के लिए भी बदनाम हैं जैसे-पर्यटकों से प्रसाद का लिफ़ाफ़ा, उनके सनग्लॉसेस और टोपी आदि छीनकर भाग जाना।

अन्य आकर्षण